बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म
में वापस आने के अवसर पर 15 अक्टूबर
1956 को अपने
अनुयायियों के लिए 22 प्रतिज्ञाओ
का निर्धारण किया |इसी वर्ष बौद्ध धम्म चक्र के 2500साल
पुरे हो गए थे | उन्होंने इस शपथो का निर्धारण किया ताकि हिंदू धर्म के बंधनों से
अपने अनुयायियों को पूरी तरह से अलग किया जा सके | ये 22 प्रतिज्ञाएं हिंदू मान्यताओं तथा पद्धतियों कि जड़ो पर गहरा आघात करती
है | प्रसिद्द 22 प्रतिज्ञाएं निम्नलिखित है |
1. मै ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास
नही करूँगा और न ही उनकी पूजा करूँगा |
2. मै राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते
है, में कोई आस्था नही रखूँगा और न ही उनकी पूजा करूँगा |
3. मै गौरी, गणपति और हिन्दुओ के अन्य देवी देवताओ
में आस्था नही रखूँगा और न ही मै उनकी पूजा करूँगा |
4. मै भगवान के अवतार में विश्वास नही करता हूँ |
5. मै यह नही मानता और न कभी मानूंगा की भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे | मै इसे पागलपन और झूंठा प्रचार- प्रसार मानता हूँ |
6. मै श्रद्धा (श्राद्ध ) में भाग नही लूँगा और न
ही पिंड-दान दूँगा |
7. मै बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशो का उल्लंघन
करने वाले तरीके से कार्य नही करूँगा |
8. मै ब्राह्मणों द्वारा निष्पादित होने वाले किसी
भी समारोह को स्वीकार नही करूँगा |
9. मै मनुष्य की समानता में विश्वास करता हूँ |
10. मै समानता स्थापित करने का प्रयास करूँगा |
11. मै बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग का अनुशरण करूँगा
|
12. मै बुद्ध द्वारा निर्धारित परमितो का पालन
करूँगा |
13. मै सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और प्यार
भरी दयालुता रखूँगा तथा उनकी रक्षा करूँगा |
14. मै चोरी नही करूँगा |
15. मै झूंठ नही बोलूँगा |
16. मै कामुक पापों को नही करूँगा |
17. मै शराब, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थो का सेवन नही
करूँगा |
18. मै महान अष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास
करूँगा एवं सहानुभूति और अपने दैनिक जीवन में दयालु रहने का अभ्यास करूँगा |
19.मै हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योकि यह असमानता पर आधारित है , और स्व-धर्म के रूप में बौद्ध धर्म अपनाता हूँ |
20. मै दृढता के साथ यह विश्वास करता हूँ की बुद्ध
धम्म ही सच्चा धर्म है |
21. मुझे विश्वास है कि मै (इस धर्म परिवर्तन के
द्वारा ) फिर से जन्म ले रहा हूँ |
22. मै गंभीरता एवं दृढता के साथ घोषित करता हूँ कि मै इसके (धर्म परिवर्तन ) के बाद अपने जीवन का बुद्ध के सिद्धांतों व शिक्षाओं एवं उनके धम्म के अनुसार मार्गदर्शन करूँगा |
जैसा कि बौद्ध
साहित्य में तय था वो समय आ गया जब बौद्ध धम्म के पुनर उत्थान को अब कोई नही रोंक
सकता है | जैसे-जैसे विज्ञान बढ़ेगा अन्य धर्मो के धार्मिक सिद्धांत अप्रचलित हो
जायेंगे और बौद्ध धम्म के सिद्धांतों का सत्य सबपर जाहिर हो जायेगा जिसके
परिणामस्वरूप सभी बौद्ध धम्म की तरफ वापस लौटने लगेंगे|
Thanks for this information
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